कुंदन कुमार/गया : कृषि के बाद पशुपालन ग्रामीण इलाके की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. पशुपालन से किसानों को कई तरह के फायदे हैं. पशुपालन से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आमदनी बढ़ रही है. बिहार के गया जिले में कई लोग है जो पशुपालन के जरिए अच्छी आय कर रहें हैं. उन्हीं में से एक हैं मानपुर प्रखंड क्षेत्र के सुरहरी गांव निवासी 65 वर्षीय किसान सुरेश प्रसाद जो पिछले 32 वर्षों से पशुपालन कर रहे हैं. सुरेश प्रसाद के पास सब खुद का डेयरी फार्म भी है.
डेयरी फार्मिंग एक ऐसा रोजगार है जिसे आप कहीं पर भी आसानी से कर सकते हैं. डेयरी प्रोडक्ट का डिमांड भी जबरदस्त है. अन्नपूर्णा डेयरी के नाम से इनका डेयरी फार्म चल रहा है और रोजाना 200 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है.
2 गाय से डेयरी फार्म की हुई थी शुरुआत
सुरेश प्रसाद ने 1992 में दो गाय से पशुपालन की शुरुआत की थी और आज इनके डेयरी फार्म में 50 से अधिक गाय का पालन किया जा रहा है. इनके पास साहिवाल, गिर, फ्रिजियन, जर्सी सहित नस्ल की गाय मौजूद है. इनके डेयरी की खासियत यह है कि शुरुआत में 2 गाय से की थी. उन्हें दो गाय का वंश आगे बढ़ रहा है. सुरेश प्रसाद के पास छोटा बड़ा मिलाकर लगभग 60 से अधिक गाय और उनके बच्चे मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि बाहर से कभी गाय खरीदा ही नहीं है.